दोस्तों नमस्कार,
मैं हूं संतोष भारतीय, आज हम बात करेंगे भारत और चीन के रिश्तों के बारे में। चीन और भारत एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते भी हैं। भारत और चीन की आजादी लगभग एक-समय में ही हुई है। चीन अपनी आजादी के बाद तेजी से आगे बढ़ता हुआ आज विश्व में अपनी पहचान बना चुका है।
भारत भी आजादी के बाद से आज 21वीं सदी का भारत बन चुका है। एक तरफ जहां चीन अंतरिक्ष में ऊंचाईयां को छू रहा है तो वहीं भारत भी अंतरिक्ष और टेक्नोलॉजी की दुनिया में अठखेलियां ले रहा है। आज भारत टेक्नोलॉजी और स्पेश जुड़ी कई चीजों को अपने देश में ही बनाता है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत पर आज विश्व की नजर है।
भारत आने वाले समय का महाशक्ति है। वहीं चीन भी बड़ी तेजी के साथ आगे बढ़ने की होड़ में है। भारत और चीन का रिश्ता आज जैसा है वैसा पहले नहीं था। आजादी के समय भारत सूदूर तिब्बत तक फैला हुआ था। भारत चीन को एक दोस्त की तरह मानता था। लेकिन चीन ने धोखे से भारत पर हमला किया और तिब्बत का एक बड़ा भूभाग अपने कब्जे में कर लिया।
भारत और चीन के बीच इस भूभाग को लेकर आज भी विवाद है। एक तरफ जहां चीन तिब्बत को अपना हिस्सा बताता है तो वहीं भारत इसे प्राचीन समय से भारत का हिस्सा बताता रहा है। हालांकि इन सब बातों के अलावा भारत और चीन के बीच अरबों डॉलर का आर्थिक गतिविधि भी होता है।
सीआईटीआई के आंकड़ों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच 2017-18 के बीच 89.6 अरब डॉलर मूल्य का द्विपक्षीय व्यापार रहा है। भारत ने इसी वर्ष में 136.2 करोड़ डॉलर का निर्यात चीन को किया और 290.5 करोड़ डॉलर का आयात किया। इस प्रकार हम देखते हैं कि चीन और भारत के बीच एक बहुत ही बड़ी मात्रा में व्यापारिक गतिविधियां भी हैं।
इसके अलावा अरुणाचल मुद्दा और डोकलाम विवाद और अक्साई चिन का मामला भी दोनों देशों के बीच विवाद का विषय है। इससे साथ ही पाकिस्तान चीन इक्नॉमिक कॉरिडोर भी भारत चीन और पाकिस्तान के बीच एक विवाद का विषय है। क्योंकि यह कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके से होकर गुजरती है जिसे भारत अपना अभिन्न अंग बताता है।
मैं हूं संतोष भारतीय, आज हम बात करेंगे भारत और चीन के रिश्तों के बारे में। चीन और भारत एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते भी हैं। भारत और चीन की आजादी लगभग एक-समय में ही हुई है। चीन अपनी आजादी के बाद तेजी से आगे बढ़ता हुआ आज विश्व में अपनी पहचान बना चुका है।
भारत - चीन संबंध (गूगल इमेज) |
भारत भी आजादी के बाद से आज 21वीं सदी का भारत बन चुका है। एक तरफ जहां चीन अंतरिक्ष में ऊंचाईयां को छू रहा है तो वहीं भारत भी अंतरिक्ष और टेक्नोलॉजी की दुनिया में अठखेलियां ले रहा है। आज भारत टेक्नोलॉजी और स्पेश जुड़ी कई चीजों को अपने देश में ही बनाता है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत पर आज विश्व की नजर है।
भारत आने वाले समय का महाशक्ति है। वहीं चीन भी बड़ी तेजी के साथ आगे बढ़ने की होड़ में है। भारत और चीन का रिश्ता आज जैसा है वैसा पहले नहीं था। आजादी के समय भारत सूदूर तिब्बत तक फैला हुआ था। भारत चीन को एक दोस्त की तरह मानता था। लेकिन चीन ने धोखे से भारत पर हमला किया और तिब्बत का एक बड़ा भूभाग अपने कब्जे में कर लिया।
भारत और चीन के बीच इस भूभाग को लेकर आज भी विवाद है। एक तरफ जहां चीन तिब्बत को अपना हिस्सा बताता है तो वहीं भारत इसे प्राचीन समय से भारत का हिस्सा बताता रहा है। हालांकि इन सब बातों के अलावा भारत और चीन के बीच अरबों डॉलर का आर्थिक गतिविधि भी होता है।
नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग (गूगल इमेज) |
सीआईटीआई के आंकड़ों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच 2017-18 के बीच 89.6 अरब डॉलर मूल्य का द्विपक्षीय व्यापार रहा है। भारत ने इसी वर्ष में 136.2 करोड़ डॉलर का निर्यात चीन को किया और 290.5 करोड़ डॉलर का आयात किया। इस प्रकार हम देखते हैं कि चीन और भारत के बीच एक बहुत ही बड़ी मात्रा में व्यापारिक गतिविधियां भी हैं।
इसके अलावा अरुणाचल मुद्दा और डोकलाम विवाद और अक्साई चिन का मामला भी दोनों देशों के बीच विवाद का विषय है। इससे साथ ही पाकिस्तान चीन इक्नॉमिक कॉरिडोर भी भारत चीन और पाकिस्तान के बीच एक विवाद का विषय है। क्योंकि यह कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके से होकर गुजरती है जिसे भारत अपना अभिन्न अंग बताता है।
India-China relation : भारत और चीन के बनते-बिगरते रिश्ते
Reviewed by Santosh Bhartiya
on
11:55 PM
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