जम्मू-कश्मीर राज्य के कश्मीर संभाग को कौन नहीं जानता। देश दुनिया में मशहूर यह प्रदेश अपने अनूपम छटा के लिए जाना जाता है। कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। यहां पर स्थिर छोटी पहाड़ियां, झरने, हरी-भरी झाड़ियां सहज ही आपका मन बार-बार अपनी ओर आकर्षित करता है।
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जम्मू और कश्मीर (गूगल इमेज) |
कश्मीर घाटी भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य का एक हिस्सा है। यह पीओके से सटा हुआ है। कश्मीर के सुंदर प्राकृतिक छटा देखकर आप खुद को यहां आने से रोक नहीं पाएंगे। हालांकि कश्मीर में इस वक्त जो हालात हैं वो काफी चिंताजनक हैं।
भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद जम्मू-कश्मीर में फिलवक्त राष्ट्रपति शासन लागू है। राष्ट्रपति शासन खत्म होने के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव के बाद जो परिणाम आएगा वो राज्य का भाग्य आगे तय करेगा।
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर विवाद है। कश्मीर के हिस्सों को देखा जाए तो यहां पर तीन देशों का शासन है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आजादी के बाद कश्मीर की विलय भारत के साथ हुआ था। लेकिन पाकिस्तान ने धोखे से कश्मीर में दखल दिया और ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर लिया।
आज कश्मीर का वो हिस्सा जो भारत में है, उससे तीन गुणा ज्यादा हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है। पाकिस्तान के अपने अधीन कश्मीर के हिस्से को प्राशसनिक तौर पर दो भागों में बांटा है। एक भाग है पीओके और दूसरा है गिलगित और बाल्टिस्तान। पाकिस्तान दोनों ही हिस्सों पर एक पर्यवेक्षक के सहारे शासन चलाता है। पाकिस्तान की इस हिस्सों में रह रहे लोगों के साथ बर्बरता को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी हो चुकी है।
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जम्मू-कश्मीर की झेलम नदी (गूगल इमेज) |
वहीं दूसरी तरफ भारतीय कश्मीर के एक भाग पर चीन ने कब्जा कर रखा है। जिसे हम अक्साई चीन के नाम से जानते हैं। इसतरह संपूर्ण जम्मू और कश्मीर पर तीन देशों का शासन है। कश्मीर का यह हालात कैसे हो गया।
बात है 1947 की जब पाकिस्तान के पख्तून कबाइलियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार के साथ समझौता किया और इस प्रकार कश्मीर और जम्मू का भारत के साथ विलय हुआ। इस समझौते के तहत भारत सरकार सैन्य सुरक्षा मुहैया कराने के बदले जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय की बात कही।
जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राजा हरि सिंह के हामी भरने के बाद भारत सरकार ने समझौते की कागजों पर हस्ताक्षर कर दिया। समझौते के बाद पाकिस्तान और भारत के साथ लड़ाई हुई। युद्ध खत्म होने के बाद कश्मीर दो हिस्सों में बंट गया। एक जो भारत के पास रहा वो जम्मू-कश्मीर कहलाया और जो पाकिस्तान के पास रहा वो पीओके के नाम से जाना गया।
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जम्मू और कश्मीर राज्य (गूगल इमेज) |
पीओके क्षेत्र के लिए भारत की संसद ने 25 सीटें जम्मू-कश्मीर विधानसभा में और 7 सीटें लोकसभा में आरक्षित की है। पीओके को पाकिस्तान आजाद कश्मीर कहता है और यहां पर एक प्रधानमंत्री भी नियुक्त किया गया है। लेकिन इस क्षेत्र की प्राशसनिक व्यवस्था पाकिस्तान के इसलामाबाद से ही चलती है।
उत्तीरी कश्मीर का गिलगित और बाल्टिस्तान में पाकिस्तान प्रांतीय सरकार द्वारा शासन चलाता है। यहां पर रहे शिया मुसलमानों को किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है। समय-समय पर ये शिया भागकर भारतीय कश्मीर में रहने आने लगे हैं।
इसके अलावा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का यह हिस्सा आतंकियों का गढ़ भी बन गया है। यहां पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। इस इलाके में आतंक की कई चौकियां भी हैं। भारत सरकार हमेशा से ही पीओके को भारत का हिस्सा बताता रहा है। भारत सरकार ने भारतीय कश्मीर में विकास के कार्यों को भी बखूबी अंजाम दिया है। लेकिन पाकिस्तान पीओके में ऐसा नहीं करता है। वह ऐसा करना भी नहीं चाहता, क्योंकि वह चाहता है कि संपूर्ण कश्मीर पर पाकिस्तान का कब्जा हो।
Kashmir: An integral part of India ।। कश्मीर, भारत का अभिन्न हिस्सा
Reviewed by Santosh Bhartiya
on
6:24 AM
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