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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार कर भी बीजेपी ने जीत ली बाजी

दोस्तों नमस्कार,


फिर से एक बार मैं संतोष भारतीय हाजिर हूं। आईए बात करते हैं हाल ही सम्पन्न हुई विधानसभा चुनावों की। जी हां हम उसी विधानसभा चुनाव की बात कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस ने लंबे समय के बाद बीजेपी को पछार कर तीन राज्यों में जीत का स्वाद चखा और सरकार भी बनाई।



निश्चित तौर पर कांग्रेस इस जीत के बाद काफी हर्ष का अनुभव कर रही होगी। हालांकि कांग्रेस की यह जीत ज्यादा अहम मानी जा रही है इस लिहाज से कि 2019 का लोकसभा चुनाव भी नजदीक है। जनता में से कई जगहों से इस तरह की आवाज उठ रही है कि 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को एक पीएम कैन्डिडेट के रूप में प्रोजेक्ट करे।

लेकिन दोस्तों कांग्रेस की ये जीत काफी मुश्किल भरा रहा। कांग्रेस तीन राज्यों में सरकार तो बना ली, लेकिन काफी कड़ी मशक्कत के बाद। कांग्रेस को इतनी कड़ी प्रतिस्पर्धा की कतई उम्मीद ना थी। कांग्रेस ने बहुत कम अंतरों से इन राज्यों में जीत दर्ज की है। इससे एक बात तो साबित होता है कि लोगों ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया बल्कि नया विकल्प नहीं होने की वजह से बीजेपी के खिलाफ वोट किया।



मध्यप्रदेश में हालात तो ऐसे थे कि दोनों ही पार्टियों की नब्ज अटकी हुई थी। दोनों ही पार्टियों के लिए मध्यप्रदेश में करो या मरो की स्थिति थी। लेकिन फिर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया। बता दें कि कांग्रेस ने बीेजेपी के गढ़ में घुसकर 230 सीटों में से 114 सीटों पर जीत दर्ज की। यहां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश की। जी हां ये वहीं एमपी है जहां पर बीजेपी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार चला रही थी।

यह मुकाबला इतना दिलचस्प था कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां बहुमत के जादुई आंकड़े से दो कदम दूर रह गई। एक ओर जहां कांग्रेस 114 सीटों के साथ मात्र दो सीट से यह आंकड़ा नहीं छू सकी तो वहीं बीजेपी 109 सीट जीतकर इस बहुमत के जादुई आंकड़े से 7 सीट दूर रह गई थी। वहीं अन्य में बात करें तो बहुजन समाज पार्टी को दो सीटें और समाजवादी पार्टी को एक सीट और चार सीट निर्दलीय उम्मीदवार को खाते में गईं।



राज्य में इस हार के बाद बीजेपी को एक और जहां एक सबक मिला वहीं इन चुनावों के बाद भी जनता की पहली पसंद पीएम नरेंद्र मोदी ही हैं। युवा अभी भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को ही देश का नेतृत्व देना चाहती है। उनकी पीएम के रूप में पहली पसंद नरेंद्र मोदी ही हैं। यानि देखा जाए तो भले ही देश की जनता ने राज्य में कांग्रेस के पक्ष में वोट किया लेकिन देश के नेतृत्व के लिए नरेंद्र मोदी के बेहतर उनके लिए कोई नहीं है।


यदि युवाओं के इस सोच को देखा जाए तो 2019 में भी फिर से बीजेपी के सत्ता में आने की पूरी संभावना है। भले ही कांग्रेस ने तीन राज्यों में बीजेपी को पटखनी दे दी हो लेकिन अभी भी कांग्रेस के लिए आगे की डगर कांटों भरी है।


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Learn about the S-400 Defense System: जानें एस-400 डिफेंस सिस्टम के बारे में

S- 400 Missile Defense System

भारत और रूस के बीच एस-400 डिफेंस सिस्टम की डील हो चुकी है। भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद इस डील पर हस्ताक्षर किया है। इस डील पर पूरे विश्व की नजरें थी। भारत ने अमेरिकी धमकियों को नजरअंदाज करते हुए इस डील पर हस्ताक्षर किया है।

आइए जानते हैं एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के बारे में
  1. -400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया में सबसे अडवांस माना जाता है।
  2. यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है।
  3. S-400 को रूस का सबसे अडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है।
  4. यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है।
  5. यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है।
S-400 Defense System

मौजूदा दौर का यह सबसे अडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इजरायल और अमेरिका का मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी मजबूत है, लेकिन रूस के पास कम दूरी में मजबूती से मार करने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम है।

1967 में सोवियत यूनियन ने S-200 अंगारा एयर डिफेंस सिस्टम डिवेलप किया था। इसके बाद 1978 में एस-300 को डिवेलप किया गया था। इनका इस्तेमाल आज भी होता है। इसके बाद 28 अप्रैल, 2007 को रूस ने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया। वर्ष 2020 तक रूस एस-500 मिसाइल सिस्टम की तैनाती की तैयारी में है। 
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India vs. West Indies: Prithvi Shaw make century in Rajkot test match

Prithvi Shaw

भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली हाल ही में टेस्ट में शतक जड़ने वाले बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के प्रदर्शन को शानदार बताया। लेकिन पूर्व कप्तान ने वीरेंद्र सहवाग से उसकी तुलना को गलत बताया। उन्होंने उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें पृथ्वी शॉ की तुलना पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग से की गई थी।

पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा कि शॉ को अभी और समय देना चाहिए, ताकि वह विश्व में कहीं पर भी रन बना सके। बता दें कि 18 साल के शॉ ने अपने पहले ही मैच में शतक जड़ कर लोगों की ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। शॉ के शतक के बाद क्रिकेट जगत में खूब वाहवाही हो रही है।

Saurabh Ganguli

शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को 99 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. उन्होंने 154 गेंदों में 134 रन बनाए। बता दें कि पृथ्वी शॉ बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं। जब वे चार साल के थे तभी उनकी माता का देहांत हो गया। जिसके बाद पिता काम के सिलसिले में मुंबई चले आए।

शॉ की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा कि बल्लेबाजी के प्रति यह उनका स्वभाव और रवैया है जिसने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'बल्लेबाजी करने के लिए यह उनकी सकारात्मकता, स्वभाव और जो रवैया है वह शानदार है। मुझे उम्मीद है कि वह भारत के लिए लंबे समय तक खेल सकते हैं।'
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Preparations for sending Rohingya back from India ।। रोहिंग्या को भारत से वापस भेजने की तैयारी शुरु

12:46 AM

भारत से रोहिंग्या को वापस भेजने की तैयारी हो गई है। खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसमें दखल देने से इंकार कर दिया है। पिछले साल जब रोहिंग्या को वापस भेजने को लेकर सरकार तैयारियां कर रही थी, तब विपक्षी दलों ने इसको लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला था।

विपक्ष ने उस समय सरकार पर मानवता के उलंघन का आरोप लगाया था। उस वक्त मानो ऐसा लग रहा था कि सरकार उन्हें वापस भेज कर कोई बुरा काम कर रही है। अब जब सरकार ने रोहिंग्या मामले में दखल देने से इंकार कर दिया है तो विपक्षी चुप हैं। अब सरकार के विरोध में उनके मुह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा है।

यही विपक्ष उस वक्त हल्ला मचाये हुए थे जब सरकार ने रोहिंग्या को वापस भेजने की पुरजोर तैयारी कर ली थी। वैसे भी कोई देश कबतक शर्णार्थियों के नाम पर अपने देश के नागरिकों को दिक्कत देती रहेगी। रोहिंग्या को लेकर जो रिपोर्ट सामने आए थे, वो भी चौकाने वाले थे।



कई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि रोहिंग्या के लिंग अातंकवादियों से हैं। लोगों का यह भी कहना था कि रोहिंग्या के तार आतंकियों से जुड़े होने की वजह से ये देश के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। कई मौकों पर यह बात सिद्ध भी हुई थी और रोहिंग्या की संलिप्तता भी देखी गई थी।

हालांकि गृह मंत्रालय के अनुसार, इस समय यूएनएचसीआर के पास भारत में रह रहे 14,000 से अधिक रोहिंग्या के बारे में जानकारी मौजूद है. हालांकि जो दूसरी सूचनाएं गृह मंत्रालय के पास मौजूद हैं, उनके मुताबिक लगभग 40 हजार रोहिंग्या अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अब सरकार के लिए इस मामले को निपटाना और आसान हो गया है। खबर है कि सरकार रोहिंग्या को वापस भेजने के लिए म्यांमार बॉर्डर पर रोहिंग्या को ले जा रही है।
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Hamdard Nagar of Delhi full of water ।। जल से भरा दिल्ली का हमदर्द नगर

संगम विहार, दिल्ली (गूगल इमेज)

ये है दिल्ली के हमदर्द नगर का संगम विहार इलाका। जी हां यह वही इलाका है जहां पर आईटीबीपी, सश्स्त्र सीमा बल, बतरा अस्पताल इत्यादि महत्वपूर्ण स्थल है। यहां पर हमदर्द विश्वविद्यालय भी है। इसके साथ-साथ और भी बहुत कुछ है यहां।

लेकिन इतना महत्वपूर्ण जगह होने के बावजूद दिल्ली का यह इलाका सरकारी मुलाजिमों की नजर से दूर है। बारिश होते ही यहां पर पानी का अंबार लग जाता है। वैसे तो दिल्ली के इस इलाके में करीब दस लाख लोग रहते हैं। लेकिन केजरीवाल सरकार ने यहां के लोगों को ठग लिया है शायद।

वैसे दिल्ली में पानी की सियासत भी खूब होती है। दिल्ली में पानी का मतलब होता है पैसा और ताकत। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वाटर माफिया से दो करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप है। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई ये मैं दावा नहीं करता। लेकिन पानी की सियासत दिल्ली में तो है। ये अपना रंग रूप भी समय आने पर दिखाती है।

संगम विहार, दिल्ली (गूगल इमेज)

दिल्ली के संगम विहार में दो तरह के पानी की समस्या है। एक है पीने की पानी की समस्या और एक है बारिश के पानी की समस्या। यहां के लोगों की मानें तो दिल्ली का यह इलाका दिल्ली जल बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर आता है। इसलिए जल बोर्ड यहां पर पानी की सप्लाई नहीं करता। यहां के वाशिंदों को निजी पानी बेचने वालों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो इन्हें महंगे दामों पर बेचते हैं।

दूसरी पानी की समस्या है यहां पर बारिश के बाद जल भराव का। दिल्ली के इस इलाके में बारिश के बाद का जो नजारा होता है उसे आप देखकर ये कतई नहीं कह सकते कि यह दिल्ली का कोई इलाका है। बारिश के बाद यहां सड़क पर पानी फैल जाता है। यह पानी बारिश का कम नाले का ज्यादा होता है।

इसी गंदे पानी से होकर लोगों को आना-जाना पड़ता है। नाले का पानी होने की वजह से इलाके में मच्छर भी खूब मजे करते हैं और लोगों को खूब बीमार बनाते हैं। इलाके में कोई जगह ऐसी नहीं दिखेगी आपको जहां पर गंदगी न हो। एक केजरीवाल सरकार मोहल्ला क्लिनिक पर तारीफ लूट रहे हैं तो दूसरी तरफ दिल्ली के इलाकों की ऐसी स्थिति केजरीवाल सरकार के विकास कार्यों पर एक तमाशा है।

खैर सरकार है, सरकार हमेशा रहेगी। लेकिन क्या संगर विहार और आसपास के इलाके के लोगों की परेशानियों का हल कब होगा यह तो भगवान भरोसे ही है। 
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Pakistani army chief statement on India. पाकिस्तानी सेना की गीदड़ भभकी

नवाज शरीफ और इमरान खान

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख ने जो भारत को धमकी दी है वो कुछ नहीं सिर्फ गीदड़ भभकी है। पाकिस्तान ये क्यों भूल जाता है कि वो तीन बार भारत से मात खा चुका है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को तीन बार उसकी नानी याद दिला दी। फिर भी पाकिस्तान का बार-बार धमकी देना मूर्खता से कम नहीं है।

पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी सेना ये भूल जाती है कि जिसके पास खाने के लिए पैसे नहीं है वो लड़ाई लड़ने चला है। पाकिस्तान के पास भले ही परमाणु हथियार हो लेकिन युद्ध सिर्फ हथियारों के दम पर नहीं जीती जाती है। युद्ध की एक नीति होती है और उस नीति पर चलकर ही युद्ध को जीता जा सकता है।

अब जब पाकिस्तान में नई सरकार का गठन का पूर्व क्रिकेटर और राजनेता इमरान खान के अध्यक्षता में हुई है तो हमें उम्मीद है कि इमरान सरकार पिछली नवाज सरकार की तरह ही कोई गलती नहीं करेगी। चाहे वो भारत से बार-बार युद्ध की धमकी का मामला हो या फिर कश्मीर में घुसपैठियों का मामला।

गूगल इमेज

पाकिस्तान आज उस चंगुल में फंसा है जहां से निकलने में उसे काफी मेहनत करनी पड़ेगी। पाकिस्तान पर इस वक्त अरबों डॉलर का कर्ज है और पाकिस्तान फिलहाल उसे चुकाने की स्थिति में नहीं है। वह इस लोन को चुकाने के लिए दूसरे देशों से कर्ज की मांग कर रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने अरबों डॉलर के कर्ज को चुकाने के लिए अतंर्राष्ट्रीय पटल पर कर्ज की मांग की थी।

पाकिस्तान सरकार की इस मांग पर वहां की सरकार की काफी फजीहत हुई थी। अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान सरकार कर्ज के बोझ और बढ़ते खर्च को कम करने के लिए पीएम हाउस की महंगी गाड़ियां और भैसों को भी बेचने जा रही है। वहां के अधिकारी कह रहे हैं कि इस नीलामी में बाजार से अच्छे दाम मिले हैं।

पाकिस्तानी पीएम इमरान खान (गूगल इमेज)

बार-बार युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्तानी सेना को चुल्लु भर पानी में डूब मरना चाहिए। जिस देश में इतनी समस्या हो कि वहां की अधिक्तर जनता सही से भोजन नसीब नहीं है वहां की सरकार और सेना युद्ध का खुमार चढ़ा हुआ है। पहले पाकिस्तान को अपने देश की स्थिति को सुधारना चाहिए फिर वो किसी से लड़ने की बात करे।

पाकिस्तानी सेना को युद्ध की स्थिति पैदा करने के बजाय शांति से अपने देश और वहां की जनता का ख्याल करना चाहिए और युद्ध की गीदड़ भभकी की बजाय इस बेवजह की ऊर्जा को देश के हित में उपयोग करे तो पाकिस्तान जैसे गरीब देश भला हो जाए। 
Pakistani army chief statement on India. पाकिस्तानी सेना की गीदड़ भभकी Pakistani army chief statement on India. पाकिस्तानी सेना की गीदड़ भभकी Reviewed by Santosh Bhartiya on 4:20 AM Rating: 5
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